हर बार खता कर बैठती है नज़र। हर पल, हर लम्हा तुझे ही ढूंढती है नज़र। हर बार खता कर बैठती है नज़र। हर पल, हर लम्हा तुझे ही ढूंढती है नज़र।
बताना तो बीच का फर्क कटोरे से जेब वालों के बीच का। बताना तो बीच का फर्क कटोरे से जेब वालों के बीच का।
इन दिनों लाक डाउन के समय मैं अपनी हर सुबह एक नए तरीके से जीता हूं इन दिनों लाक डाउन के समय मैं अपनी हर सुबह एक नए तरीके से जीता हूं
लोग सपनों के महल बनाना नहीं छोड़ देते। लोग सपनों के महल बनाना नहीं छोड़ देते।
अब कैसे संभले कहाँ खुशियां मनाये आज़ादी की बाट जोहता बैठा बंदिशों में। अब कैसे संभले कहाँ खुशियां मनाये आज़ादी की बाट जोहता बैठा बंदिशों में।
इन्सानियत से अपना, अब सरोकार ना रहा...! इन्सानियत से अपना, अब सरोकार ना रहा...!